Tuesday, December 17, 2013

"वर्ष २०१३ मैं तुम्हे सदैव याद करुँगी"

करवट पर करवट ले रहा है गतिमान समय
गर्मी, सर्दी, बरसात, पतझड़
सब मौसम पार कर चुका है!

वर्ष 2013 अपनी चरम सीमा पर है
मुझसे अलविदा कहके बोल पड़ा
बेशक 'परी' तुम रोकना चाहो
किन्तु मैं रुक न पाउँगा..
मेरी आयु केवल १२ महीने ही थी
मुझे भेट लो और सौहार्द से विदा करो!

इसके जाने का खेद कितनो को है ज्ञात नही
परन्तु मुझे अपार ग्लानि है..
नौ महीने अपनी कोख में पनाह देने के बाद
चंद शेष माह मुझे अनुभव करवाया ज्ञान का
सही गलत के बीच का फासला,
आदर्श, नियम कि उपस्थिति जीवन में कितना अनिवार्य है!
 
इसी वर्ष प्राप्त कि है मैंने 
जन्मदिन कि कभी न भूल पाने वाली भेंट...
समाचार के विशेष पृष्ठ पर अपनी कविता
स्वयं के अंदर एक वास्तविक शोभायमान परिवर्तन!
 
आज से ठीक १३ दिन बाद
यदि मैंने रोका भी तो मेरा हाथ झटक के
इस कोहरे में अदृश्य हो जाएगा ये वर्ष भी..

मेरे दामन में सिमट के रह जाएंगी
मात्र इसकी अर्पित कि हुई
प्राणप्रिये अहम, अनमोल यादें!!


रचनाकार : परी ऍम 'श्लोक'
Dated : 18/12/2013
Time : 10:51 AM

No comments:

Post a Comment

मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन का स्वागत ... आपकी टिप्पणी मेरे लिए मार्गदर्शक व उत्साहवर्धक है आपसे अनुरोध है रचना पढ़ने के उपरान्त आप अपनी टिप्पणी दे किन्तु पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ..आभार !!