Wednesday, March 19, 2014

!!तेरा जिक्र आता है!!

तेरा जिक्र आता है हर जुबान के साथ
तू ख्वाब बन जाता है हर शाम के साथ

तेरे बारे में सोचती हूँ जब इत्मीनान के साथ
हुस्न और निखर जाता है तेरे नाम के साथ

जाने किस दुनिया में छिपा बैठा है वो चेहरा
जिसे खुदा ने बनाया है बड़े ईमान के साथ

इस भीड़-ए-बस्ती में कोई तो मेरा अपना है
तुझे पाकर मैं कह दूंगी बड़े गुमान के साथ

काश! तेरे पहलु में जिंदगी इतनी रोशन हो
चांदनी खिली होती है जैसे चाँद के साथ

तेरे बिन न गुजारु मैं शब्-ओ-सुबह कोई
दिन चढ़े भी तो प्यार के अज़ान के साथ

तुम मुझसे जुड़ जाना बिना शर्त कुछ ऐसे
जैसे आयत रमा हुआ हो पाक़ कुरान के साथ


ग़ज़लकार : परी ऍम श्लोक

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