Wednesday, April 9, 2014

"कुछ कहती है जिंदगी"

जिंदगी कुछ कह रही है
बहुत अलग सी बात
हर इक राह पर
मुझे बताने कि
कोशिश करती है जैसे वो
जिससे रह-रह के वो मुझे
महसूस करवाती है
और ऐसे मंज़रो से मुझे
वाबस्ता करवाती रहती है
जो मुझे झकझोर के रख देते हैं
क्या इस कदर
काबिल मानती है जिंदगी मुझे
जो इतने महान काम के लिए
मुझे प्रेरित किये जा रही है !!
मैं समझती तो हूँ
मगर
यकीन से नहीं कह सकती
कि जो मैं सुन पा रही हूँ
क्या
यही वो बात है जो
जिंदगी अपने मूक शब्दो में
मेरे दिल-दिमाग में
गोदती ही जा रही है !!


रचनाकार : परी ऍम 'श्लोक'

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