Wednesday, June 25, 2014

वासना के शहर में प्रेम अधमरा मिला...!!

चेहरा तो नहीं होता आइना किसी का......
मगर चहरे पे मरने वालो का तांता लगा मिला.....

मन की ज़मीन पर लगाया था गुलिस्तां.......
मगर देह के कीचड़ से मन में कांटा चुभा मिला.....

प्रेम का ढाई अक्षर पढ़ने को ज्यो मैं बैठी......
वासना के शहर में प्रेम अधमरा मिला......


_______परी ऍम श्लोक

2 comments:

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